तेरा चेहरा
तेरा चेहरा
चेहरा तेरा देख कहा गुलाबों ने
नहीं देखा ऐसा हुस्न कभी ख्वाबों में
देखूँ तुझे तो कमल उठा लूॅं
दिल चाहे गजल लिख डालूँ
फिर सोचता हूँ कैसे समायेगी
आपकी सुन्दरता अल्फाजो में
चेहरा तेरा देख कहा गुलाबों ने
खूबसूरत आंखें चाॅंद सा चेहरा
माथे पे बिन्दिया का रंग गहरा
नहीं जरूरत तुम्हें सौलह सिंगार की
खुदा ने बनाया तुम्हें बड़े नाजों से
चेहरा तेरा देख कहा गुलाबों ने
नहीं देखा ऐसा हुस्न कभी ख्वाबों में।