भूल गए आप
भूल गए आप
मुदद्त हुई आपने हमे याद किया नहीं
कहीं दिल से निकाल तो दिया नहीं
और कोई भी अपना ठिकाना नहीं
आपके दिल के सिवा कोई आशियाना नहीं
बख्श देना गर हुई हो खता
बता देना मुझे नहीं पता
रूठे हो तो हम मना लेगें
हर नाज हर नखरा उठा लेगें
तुम तमन्ना तो करो हम तक आने की
सरे राह दिल अपना बिछा देंगे।