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राजकुमार कांदु

Romance

4  

राजकुमार कांदु

Romance

तूफान

तूफान

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मेरी जिंदगी और तूफान का 

चोली दामन का साथ है

अब तो मान गया मैं भी 

की सब कुछ उसी के हाथ है


पैदा हुआ अभावों में 

किसी ने भाव न दिया 

गरीबी और बेकारी के संग 

अपमान के घूँट बार बार पिया 


कभी मन के अंदर तो कभी बाहर 

तूफानों का दौर जारी रहा 

किस्मत के थपेड़ों का वार 

मेरी सारी कोशिशों पर भारी रहा 


ऐसे में हवा का ताजा झोंका बन 

तुम मेरी जिंदगी में आई 

मेरे दिलोदिमाग पर मेरे वजूद पर 

बस तुम ही तुम रही छाई 


महक उठा था दिन और 

गुलजार हो गई थी रातें 

घंटों हम एक दूसरे से 

करते रहते थे बातें 


शब्दों से ही एक दूजे को टटोलते 

खूब हँसते रोते, बेबात बतियाते 


दिल चाहता था, 

ये वक्त यहीं रुक जाए 

हमारी मुहब्बत की तासीर हो ऐसी,

जमाना कदमों तले झुक जाए 


बनाएंगे हम अपना अलग एक जहां 

जहाँ तुम और मैं नहीं हम ही हम हों वहाँ

खुशियों से आबाद रहे, 

तेरी पायल, तेरे कंगन खनकते रहें

तेरी मुस्कान पर कुर्बान हो दो जहां


सोचा तो यही था, 

 पर सोचा हुआ कहाँ पूरा होता है

बदनसीबों का हर ख्वाब 

 अधूरा होता है 


लौट आया फिर से वही दौर 

न जाने कैसे तूफ़ां फिर आया उसी ठौर 

शुरू हो गई तुम्हारी शिकायतें ,

न जाने क्या बात हुई 

क्या पता कोई मिल गया

मुझसे बेहतर और


दिल समझ न सका तुम्हारे इस बदलाव को 

तुम्हारी जुदाई से मैं टूट गया 

तड़प तड़प कर बीती रातें 

ऐसा लगा जैसे जिस्म से जान छूट गया 


मगर फिर अचानक 

न जाने मुझे कहाँ से हौसला मिला

क्यों मैं करूँ तुमसे कोई शिकवा गीला

कायनात में एक तुम ही तो हूर नहीं 

मिलेगी मंजिल एक दिन वह भी दूर नहीं

झटक कर तुम्हारे ख्यालों को 

हँस पड़ा देख टूटे ख्वाबों को 

सच ही हुआ एक बार फिर 

जो अब तक होता आया था 

किस्मत ने मेरी नाव एक बार फिर

किनारे पर ही डुबाया था


तूफ़ां से खेलते खेलते 

मैं भी तूफ़ां बन गया हूँ

हौसले से दे पटखनी 

मन के तूफानों को 

संवार लिया अपनी जिंदगी 

पूरा कर सका अरमानों को 


मायूस ना कभी होना 

कभी हिम्मत न हारना 

क्योंकि हौसले के आगे 

बड़े से बड़े तूफान को भी 

पड़ता है हारना।


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