मेरे हमनवा
मेरे हमनवा
सुन मेरे चांद आज इंतज़ार ना करा,
मेरे महबूब की खातिर आज आसमान में जल्दी आजा,
सालो साल मेहंदी का रंग दुगना रच रहा है,
लगता है हमारा रिश्ता हर दिन गहरा हो रहा है,
कुमकुम हल्दी की थाल सजा कर,
तेरे लिए सोलह श्रृंगार कर,
सुन मेरे चांद आज इंतज़ार ना करा,
मेरे महबूब की खातिर आज आसमान में जल्दी आजा,
रूह से बंधे रिश्ते की मजबूती की खातिर,
आज रखना है उपवास एक तेरी खातिर,
हर रंग खूबसूरत है पर इश्क़ का रंग लाल है,
सतरंगी फिज़ा में घुल गया वो इश्क़ बेमिसाल है,
सुन मेरे चांद आज इंतज़ार ना करा,
मेरे महबूब की खातिर आज आसमान में जल्दी आजा,
हम झुके है सजदे में मांगा एक तुझे है हर दुआ में,
रब हर ग़म कर दे मेरे नाम हर खुशी लिख दे तेरे हक में,
मेरा सौभाग्य है कि जीवन में ये हक मुझे मिला है,
सजदे में झुके पीर को तू एक दुआ सा मिला है,
सुन मेरे चांद आज इंतज़ार ना करा,
मेरे महबूब की खातिर आज आसमान में जल्दी आजा,
जीवन के हर मोड़ पर चलना है जिसके साथ,
उम्र भर का साथ निभाने की कसमें खाई है जिसके साथ,
वो गहरी रात मै उसका चांद हूं,
उसके होने से मैं आबाद हूं,
सुन मेरे चांद आज इंतज़ार ना करा,
मेरे महबूब की खातिर आज आसमान में जल्दी आजा,
मेरी उम्र भी लग जाए उसे ये दुआ है मेरी,
तू ही पहली थी ख्वाहिश तू ही आखरी दुआ है मेरी,
तू हमराही है इन बेगानी राहों का,
हम मिल कर कर लेंगे सामना हर मुश्किल का,
सुन मेरे चांद आज इंतज़ार ना करा,
मेरे महबूब की खातिर आज आसमान में जल्दी आजा,
तू रूठे मै माना लूंगी,
एक तेरी खातिर इस जग से नाता मै तोड़ दूंगी,
ना पूछ चाहत कितनी इस दिल में तेरे लिए है,
हर शाम जो इंतज़ार है इन आखों में वो सिर्फ तेरे लिए है,