जन्मदिन पर
जन्मदिन पर
मेरे लिए आज
कितना खास दिन है
देखो न
आज बड़ा दिन भी है
और मेरे लिए बड़ा है
वाकई बड़ा और खास
क्योंकि
आज के ही दिन
तुम अवतरित हुयी
बिल्कुल यीशु की तरह
बनाने सुंदर
इस वीभत्स संसार को....
वर्षों पहले जिस दिन
अवतरित हुई थी तुम
तब से अविरल
तुम्हारा हर क्षण
बेशकीमती है मेरे लिए......
मेरा कुछ नाता नहीं
तुझ संग
मगर देख स्वतः ही
उदगार निकल रहे है
हर गुजरते हुए पल के साथ....
मेरे दोस्त देना चाहता हूं
तुझको कुछ खास
बेशकीमती न हो
मगर हो सबसे जुदा
जैसे तू है न सबसे अलग....
जानता हूँ मैं
आभास भी होता है
तेरे महकने के पीछे
तेरी आनंदित खुशबू के पीछे
कांटों की शैया है
तेरी जिंदगी ....
मैं उन कांटों को चुनते हुए
तराश दूंगा
तेरे सुखमय जीवन के लिए....
मैं चाहता हूँ सोख ले
मेरे यह शब्द
तेरे जीवन की सम्पूर्ण
अश्रु धाराओं को
जिनसे सींच कर
प्राप्त करती रही है
हरीतिमा
मेरी कृतियां.....
ऐसी ही हरियाली
चाहता हूँ रोप दूं
तेरे जीवन में......
तू बेशक मेरी लगती
कुछ भी नहीं
मगर मेरा हर एक दिन
हो सकता है तेरे लिए
तेरी खुशियों के लिए
इसलिए आज कबूल कर
मेरे सच्चे दोस्ती को....
मैं बस लिख कर ही
इतिश्री नहीं करना चाहता....
मैं चाहता हूं
तेरे इस जन्मदिन पर
तेरे हृदय में भर दूँ
सैकड़ों उत्सव की झंकारे
जो बजती रही जिंदगी भर
और तू झूमती रहे
आह्लादित हो कर......
मैं चाहता हूं
दे दूँ तुझको
कुछ अनोखा सा उपहार
जो तेरी शिराओं से
गुजरते हुए बनाए रखे
तुझे नवयौवना
ताकि तू तोड़ सके
अपने जीवन के
कठोर व्यूह रचनाओं को....
मेरे प्रियतम मित्र
चाहता हूँ इस बार
तुझको दूँ ऐसा तोहफा
जो जीवन के भागदौड़ में
तुझे संयमित रखे
तुझे ऊर्जा दे
और दे तुझे सम्पूर्ण प्रेम....
जिसके सहारे
तू जी जाए जिंदगी
और अपनी अस्मिता को
नया नाम दे.......
मेरे यह शब्द
विलीन हो कर तुझ में
बन जाए तेरा दर्शन
और तू हंसते हुए
अपनी नयी गाथा लिखे
अपनी नयी सृष्टि रचे
अपनी नयी सृष्टि रचे।।