तड़प
तड़प
अब तुमसे दूर रहना, ना सहा जाये हमसे
एक बार आकर गले लग जाओ, ना सताओ देखो ऐसे
यह कैसी तड़प है जो, ना सही जाये अब हमसें
आ जाओ वरना, जान दे देंगे सच है कहते ।
इतना सताना सीखा है कहा से तुमने
कैसे कांटी है दिन - रात तुम्हारे बिना मैंने
बताऊँ तो भी तुम्हें यक़ीन ना आये
सावन भी इस दिल की प्यास बुझा ना पाये ।
तुमपे दिल लुटा के हुई हूँ मैं पागल
सब कह रहे हैं, बदल रही हो तुम हर पल
कैसे समझाऊँ मैं अपने दिल की हालत
एक पल के लिये भी नहीं, इस दिल को राहत ।
प्यार में ना जाने हमने, कितने झूठ है बोले
पर तुम्हारे सामने अपने दिल के, सभी राज खोले
तुम्हारी बाहों में आकर पिघल गयी थी मैं
उन मुलाकातों को याद करना ही, जिंदगी बन गयी हैं ।
देखो मेरे प्यार का कभी मज़ाक मत उड़ाना
जिंदगी में आगे चलकर ना कभी हमें भुलाना
मेरे सच्चे प्यार की इन्तेहा ना लेना कभी
तुम्हारे इन्तजार में मर ही ना जाये कहीं।