दादाजी का चश्मा
दादाजी का चश्मा
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घर के सभी एकजुट होकर
ढूंढ रहे थे कुछ कीमती सामान
गुजर रहा था मैं वहाँ से
हो-हल्ला सुनकर
झांक कर देखा उस पड़ोसी के घर में
ऐसी क्या अनमोल चीज
खो गई थी इनकी
शायद मेरी कुछ मदद हो जाए
इस विचार से कदमों को बढ़ाया
पहुंचा अंदर बड़ी चिंता से
सभी मग्न थे ढूंढने में वह कीमती सामान
तभी छुटकी को बुलाकर पूछा
परेशान लग रहे थे सभी
क्या खो गया छुटकी ?
मैं कुछ मदद कर दूं ?
तभी छुटकी ने देखा मेरी तरफ
और परेशानी के स्वर में जवाब दिया
दादाजी का चश्मा खो गया है।