इतनी सी रौशनी
इतनी सी रौशनी
जग में फैला है अंधेरा
बंद हो चुके रास्ते सभी
मन को निराशा ने घेरा
ऐसा ना हुआ था कभी
दिल में बस डर समाया
कुछ करने की हिम्मत नहीं
हर तरफ दुख का साया
खुशी ने मुंह मोड़ा कहीं
बिखर गए जो देखे सपने
मैंने तो अब हिम्मत हारी
अलविदा कह गए कई अपने
घर में खामोशी छाई भारी
भगवान ही मालिक अब मेरा
यादगार होगी फिर यह कहानी
उम्मीद का कल होगा सवेरा
दिखा मुझे इतनी सी रोशनी।
