#सजना समझे ना
#सजना समझे ना
नयन मेरे करे जो इशारा
उसे समझे ना सजना हमारा!
प्रीत की बतियां कैसे बताएं
कि उनके बिना ना होगा गुजारा!
अबके सावन हिया तरसावे
विरहा की अग्नि से तन जले सारा!
बदरिया बरसे बिजुरी चमके
उनसे बिछुड़े हो गए कई पखवाड़ा!
सारी सारी रात जगावे
नटखट की याद आवे इत उत यारा!
ई प्रीत पुरातन लखे जो कोई
पढ़ ले एकबार जो हृदय का इशारा!

