" लुटा कर देख लो दिल को "
" लुटा कर देख लो दिल को "
पुकारे और कोई जब , सता कर देख लो दिल को !
नज़र भर देख ले दूजा , जला कर देख लो दिल को !!
हमारी चाहना कितनी , जताना है बड़ा मुश्किल !
तुम्हीं से प्यार करते हैं , चुरा कर देख लो दिल को !!
उजाले की किरण तुम हो , दिखी अँधियार में हमको !
ग़मों में जो रहा डूबा , बचा कर देख लो दिल को !!
उड़ी है नींद आँखों की , कहीं चित डोलता फिरता !
मिलन की चाह रखते हैं , लुटा कर देख लो दिल को !!
लगा कर टकटकी देखे , ज़माना जब नज़ारे को !
जरा नजरें तभी सबसे , चुराकर देख लो दिल को !!
उड़ी है गंध संदल सी , तुम्हारे पास आने से !
इन्हीं महक़ी हवाओं से , मना कर देख लो दिल को !!
बँधे जब डोर रिश्तों की , गिरह परिणय उसे बांधे!
"बिरज" आधार तय कर लें , सजा कर देख लो दिल को !!

