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usha shukla

Romance

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usha shukla

Romance

वह रात थी बरसात की..

वह रात थी बरसात की..

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वह रात थी बरसात की

उन दोनों के मुलाकात की ।

सुनसान रास्ता था ।

दोनो में ना कोई वास्ता था।

अचानक बिजली कड़की थी,

चिंगारी सी भड़की थी ।

वह सहमी थी,

एक जगह चुपचाप ठहर गई थी ।

आगे जाने वाले ने पीछे पलट कर देखा था ,

अपने मन में कुछ सोचा था ।

फिर उसकी तरफ कदम बढ़ाया था ।

पास आकर बोला था,

तुमको कहां जाना है ,

कुछ समझ नहीं पा रही थी,

यह सच में कोई इंसान है,

या इंसान के रूप में बहुरूपिया ,

फिर उसने , हिम्मत से काम लिया ।

बस स्टैंड तक जाना है,

उसने कहा मुझे भी जाना है ।

मैं आगे हूं तुम पीछे चलो,

बिल्कुल नहीं तुम डरो ।

एक अपनापन सा पाया था,

उसने निडरता से कदम बढ़ाया था।

बस स्टैंड का प्रकाश देखकर,

उसके चेहरे पर मुस्कान आई थी ,

देखकर उस अजनबी को,

हल्के से मुस्कुराई थी।

धन्यवाद के लिए होंठ खुले थे,

दोनो के नयन मिले थे।

उसके बाद फिर वह दोनों,

कभी नहीं मिले थे ।

यह अधूरी प्रेम की दास्तान,

उन दोनों के मुलाकात की,

वह रात थी बरसात की।।



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