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usha shukla

Abstract

4  

usha shukla

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वक्त

वक्त

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वक्त बदलता रहता है 

वक्त कभी अच्छा है,

वक्त कभी बुरा होता है.

 सब वक्त का ही कमाल है,

 वक्त अगर साथ दे ,

तो सब कुछ बहाल है ।

एक वक्त कभी खुशी देता है

 तो कभी गम भी देता है 

यह वक्त ही तो है 

जो हमेशा बदलता रहता है।

 कल कुछ और ,

आज कुछ और,

 कल कुछ और होगा।

 वक्त नहीं रुकता किसी की मुट्ठी में,

 खुशी की लम्हों को कोई कैद नहीं कर सकता,

 यह वक्त ही है ,

जो उसे रिहा कर देता है।

 वक्त सिखाता है समझाता है ,

दूसरों की नियत की तस्वीर दिखाता है 

वक्त का पहिया गोल है ,

इसका ना कोई मोल है ।

अपनी रफ्तार में चलता है,

 न धीमा ना तेज होता है ।

जिसने भी कदर की वक्त की,

 वक्त ने उसे शहंशाह बना दिया,

 जमीन से उठाकर फलक पर बैठा दिया।।



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