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Madhu Gupta "अपराजिता"

Inspirational Children

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Madhu Gupta "अपराजिता"

Inspirational Children

"स्वतंत्रता"

"स्वतंत्रता"

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ना होती परिधि तो, 

है क्या स्वतंत्रता पता कहां चल पाता

बिना बंधनों के स्वतंत्रता 

बस एक सपना सा लगता

 स्वतंत्रता का मजा तभी पूर्ण समझ में आया

जब आकर के बाहरी मुल्कों ने

देश मेरे पर अपना अधिकार जमाया.....!! 

देश हमारा ना जाने 

कितने आक्रमणों से गुज़रा

सहा गुलामी का दर्द बड़ा ही

कई- कई सालों तक 

फिर आया ऐसा दिन भी एक

धधक उठी ज्वाला मन में , 

स्वतंत्रता पाने की.....!! 

कितनों ने स्वतंत्रता की खातिर

देश पर अपनी जान निछावर कर डाली 

होता क्या है स्वाद स्वतंत्रता का

तब जाके ये जाना .....!! 

आने वाली पीढ़ी, ना रहे गुलामी में

जाने कितने महान क्रांतिकारियों ने

देश अपने पर, जान की बाज़ी लगाई

कर डाला निछावर अपना सब कुछ 

देश को स्वतंत्रता कराने को.....!! 

गाँधी, भगत सिंह, राज गुरु और आज़ाद

कितने ऐसे महान नाम गिनाये जाये

भरा पड़ा है देश मेरा

ऐसे अनगिनत महापुरुषों से

जो हो गये शहीद वतन को आजादी दिलवाने में.....!! 

 स्वतंत्रता बड़ा ही अनमोल शब्द, 

है गरिमा इसकी पर्वत से भी ऊंची

लाखों जवान आज भी देश के 

जान की परवाह ना करके 

सीमा पर तैनात खड़े हैं

रहे सलामत देश की स्वतंत्रता 

बस इतनी सी अभिलाषा रखते हैं....!! 


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