STORYMIRROR

Prashant Lambole

Tragedy

2  

Prashant Lambole

Tragedy

स्वातंत्र्यवीर ...

स्वातंत्र्यवीर ...

1 min
159

स्वातंत्र्यवीर ...


देशप्रेम से ओतप्रोत वो,

ज्ञानसूर्य तेजस्वी था।


न्योछावर कर सर्वस्व स्वयं का,

भारत मां को पूजा था।


क्रूर काल की क्रूर विडंबना,

वर्तमान हो जीवित है।


भारतभू का सपूत आज भी,

भारत में ही उपेक्षित है।


- प्रशांत


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy