मैं आऊंगा
मैं आऊंगा
जब तुम अपने व्यक्तित्व को भुला दोगे
और भूल जाओगे की तुम कैसे दिखते थे
कैसे बोलते थे,
कैसे सोचते थे,
और कैसे सपने देखा करते थे
उस दिन मैं फिर आऊंगा
मैं आऊंगा आईना बनकर
तुम्हे अपना प्रतिबिंब दिखाने
मैं आऊंगा
जब तुम बहुत ऊपर चढ़ जाओगे
जब तुम्हे नीचे खड़े लोग दिखाई ना देंगे
जब तुम मानवता को रौंद दोगे
अपने ही विशाल पैरों तले
जब तुम इस अंधियारी रात में
खुद को चांद समझने की भूल कर बैठोगे
उस दिन मैं फिर आऊंगा
मैं आऊंगा जुगनू बनकर
तुम्हे सच्चाई से अवगत कराने
मैं आऊंगा
जब तुम उन्माद से भर जाओगे
जब तुम्हे सही गलत का फ़र्क ना समझेगा
जब तुम सत्ता की मस्ती में चूर हो जाओगे
जब तुम वास्तव से अलग हो
अपनी आंखो को मूंद लोगे
उस दिन मैं फिर आऊंगा
मैं आऊंगा सवेरा बनकर
तुम्हे नींद से जगाने
मैं आऊंगा।