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Fardeen Ahmad

Tragedy

4.5  

Fardeen Ahmad

Tragedy

सवाल और विकास

सवाल और विकास

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देश में जब कुछ गलत होता है

तो सवाल हुक्मरान से होता है

देश में कुछ चाटुकार भी होते हैं

जो हुक्मरान के सारे पाप धोते हैं!


सवाल अवाम का सीधा साधा होता है

फिर चाटुकार कुछ ऐसा बीज बोता है

जिससे हुक्मरान चैन की नींद सोता है

क्योंकि मसला कोई भी हो कैसा भी हो

यहाँ हर मसाला मसल-ए-धर्म होता है!


जहाँ धर्म की बात आ जाती है

देश की अवाम को भा जाती है

हम तुमसे सवाल करें, तुम हमसे

यही बात असली मुद्दे को खा जाती है!


कोई विकास कागज़ पर नही होता है

गरीब अभी भी उतना ही रोता है

हम मंदिर बना लें, तुम मस्जिद बना लो

इससे थोड़ी न इंसान चैन की नींद सोता है!


चलो एक दूसरे को कोसना बंद करते हैं

कुछ ग़लत हो तो मिलकर सवाल करते हैं

कुछ सवाल तुम कर लो और कुछ हम

तभी तो हुक्मरान देश में विकास करते हैं।



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