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Fardeen Ahmad

Drama Classics Inspirational

4  

Fardeen Ahmad

Drama Classics Inspirational

ज़िन्दगी की गाड़ी

ज़िन्दगी की गाड़ी

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ज़िन्दगी की गाड़ी है इसे खींचते रहो

जो मिले सफ़र में उससे सीखते रहो

सीखते सीखते उम्र गुज़र जानी है

सिखाने की ना जाने कब नौबत आनी है।


राहें सबकी ही हैं अंजान यहॉं

हर तरफ़ धुआँ ही धुआँ है जहाँ

मोड़ तो आते ही रहते हैं राहों में

ना जाने कौन सा रास्ता हमें ले जाये कहाँ।


बस एक वहेम के सहारे आगे बढ़ते रहना है

आँधी हो या तूफ़ान हो हमें बहते रहना है

दुख हो या तक़लीफ़ हमें सहते रहना है

अच्छे दिन आएँगे बस ये कहते रहना है।


सफ़र कैसा भी हो ज़िन्दगी का 

आगे बढ़ते रहने में ही मज़ा है

सभी से मुलाक़ात होगी इस रास्ते पर

दुख और खुशी तो ख़ुदा की रज़ा है।


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