STORYMIRROR

Fardeen Ahmad

Romance Fantasy

4  

Fardeen Ahmad

Romance Fantasy

तुम्हारी-मेरी यादें!

तुम्हारी-मेरी यादें!

1 min
269

क्या तुम आज भी मुझे याद करती हो

मुझे तो तुम्हारी बहुत याद आती है

पता है मुझे तुम आज भी डरती हो

मेरे प्यार की शिद्दत ही तुम्हें सताती है।


क्या अब भी तुम्हरी बहन तुम्हें मोटी कह के बुलाती है

क्या आज भी वो कभी मेरा नाम लेके तुम्हें सताती है

शायद नही...

दिल से तो मैं कब का निकाल दिया गया था 

ज़हन में कहा कोई किसी के टिक पाता है

तेरी यादों के बाज़ार में गुम हो जाता था

इतनी जल्दी कहा कोई किसी के प्यार में बिक पाता है।


क्या तुम अब भी गानों के female version पसंद करती हो...

और male version तुम मेरे लिए निकाल के रखा करती हो...


याद है जब हम साथ में गाने गाते थे

अरिजीत सिंह श्रेया घोषाल भी फेल हो जाते थे

तब जज़्बातों का खेल ही कुछ ऐसा हो जाता था शुरू 

कि गाते गाते दोनो की आँखों में आँसू आ जाते थे।


प्यार का इज़हार किया तूने वो ग़लती थी

या प्यार का इक़रार किया मैंने वो ग़लती थी

ख़ैर मुझे ऐसी बातें नही करनी चाहिए 

मेरा इस लहज़े में सोचना ही सबसे बड़ी ग़लती थी।


जो भी वक़्त गुज़रा तेरे साथ वो हसीन था 

लेकिन इश्क़ भी लगा दर्द का शौक़ीन था 

बिना मंज़िल के रास्ते भी आसान नही होते 

रास्ते बहुत थे आगे, जुदा होंगे, यक़ीन था।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance