सुराख ...
सुराख ...
दीवारें तो बहुत सी खड़ी कर दी हमने
चलो अब इनमें कोई सुराख ढूंढते हैं
फासलों के इस स्याह से जंगल में
नजदीकियों के कुछ जुगनू ढूंढते हैं...
और
अकेले ही तो जाना है ,उस आखिरी मंजिल पे
कुछ देर के लिए ही सही ,किसी के साथ चलते हैं..
चलो दीवारों में अब कोई सुराख ढूंढते हैं...
