कौन कहता है कि आसमां पे सुराख नहीं होता कोई तबीयत से पत्थर तो उछालो यारो। कौन कहता है कि आसमां पे सुराख नहीं होता कोई तबीयत से पत्थर तो उछालो यारो।
फासलों के इस स्याह से जंगल में नजदीकियों के कुछ जुगनू ढूंढते हैं फासलों के इस स्याह से जंगल में नजदीकियों के कुछ जुगनू ढूंढते हैं
होता कुछ भी नहीं मैं, गर तू मेरी माँ ना होती। होता कुछ भी नहीं मैं, गर तू मेरी माँ ना होती।
दीवारें तो बहुत सी खडी कर दी हमने चलो इनमे अब कहीं सुराख ढूंढते हैं, दीवारें तो बहुत सी खडी कर दी हमने चलो इनमे अब कहीं सुराख ढूंढते हैं,
फटी जेब से गिरता जा रहा हो जैसे धन पल प्रति पल भस्म हों ये अनचाहे दर्द कि इसके पहले हो सब खाख। फटी जेब से गिरता जा रहा हो जैसे धन पल प्रति पल भस्म हों ये अनचाहे दर्द कि इस...
मानो या ना मानो यारो... ग़र जड़ सलामत है तो टहनिया भी बनेगीं, पत्तियाँ भी आऐंगी, और फूल भी खिलेंगे... मानो या ना मानो यारो... ग़र जड़ सलामत है तो टहनिया भी बनेगीं, पत्तियाँ भी आऐंग...