सुन तो सही जिंदगी क्या कहती है
सुन तो सही जिंदगी क्या कहती है
सुन तो सही जिंदगी बहुत कुछ कहती है,
पर आज के इस युग के लोगो के पास वक्त नही,
हर कोई अपनी अपनी परेशानियों में है खोया हुआ,
क्या हो रहा आस पास के जीवन मे किसी को परवाह नही,
जिंदगी क्या कह रही है क्या सबक सिखा रही है,
कोई भी सीखने की चाह ही नही रखता,
करते है मोड़ मोड़ पर गलतियाँ और नजरअंदाज करते है,
उन गलतियो से मिली सीख को जाने क्यों भुलाते है जा रहे,
जीवन की राहें है कांटो भरी जरा संभल सम्भल कर चलो,
जिंदगी बार बार हमको कह रही पर हर किसी मे है होड़ लगी,
हर कोई है दौड़ रहा एक दूजे को पछाड़ने की खातिर,
चोट इस होड़ में अपनो को भी लग जाये तो नही डर रहा,
जिंदगी जो सबक सीखा रही वो होते बड़े काम के,
थोड़ा सा धीरे से ध्यान से चल ले ऐ बन्दे,
सबकुछ तो रह जायेगा इस जग के अंदर ही,
खाली हाथ आया तू जग में खाली हाथ जाएगा,
जिस दौलत की खातिर तू उल्टे सीधे काम कर रहा,
वो दौलत तेरे किसी काम ना आएगी,
झूठ फरेब सब का त्याग कर दे,
सच की राहों पर अपने कदम बढ़ा
जिन्दगी का ये सबक हर पल तू अपने पल्लू से गांठ बांध लें।
