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Surya Barman

Abstract Inspirational

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Surya Barman

Abstract Inspirational

जय माता दी

जय माता दी

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 तू ही काली तू ही सरस्वती तू ही जगदंबे माता।

 हे माता सारा जग तुम्हारी चरणों में हैं आता।


 हे जग जननी माता तुम हो नारी।

 लेकिन तुम्हारी महिमा हैं सबसे न्यारी।


 तुझसे ही जगत में कलियां खिली हैं।

 अब यही कलियां फूल बनकर महक उठी हैं।


 हे मां इन्हीं से हैं सारी दुनियां में खुशहाली।

 के यही फूल तुम्हारे चरणों के हैं सवाली।


 केवल एक दिन का है फ़ूलों का जीवन।

 फिर भी कितना सफल हैं इनका जीवनl 


 ये फूल माता के चरणों हो जाते हैं अर्पन।

 माता के चरणों को छुकर ये पा जाते हैं दर्शन।


 हे माता किस्मत पे मैं अपने तरसता हूँ ।

 तुम्हारे दर्शन पाने को मैं भी तड़पता हूँ । 


इन्सान की जगह मेरा जीवन फूलों में होता।

सौ साल की जगह....

मेरा जीवन भी केवल एक ही दिन का होता। 


हे मां तुम्हारे चरणों की सजावट मैं बन जाता।

फूलों की तरह मेरा जीवन भी सफल हो जाता।


"बाबू" इन्सान का रूप पाकर भी मैं क्या पाया ?

 फिर ये मेरा जीवन किस काम आया ?


 



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