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सोनी गुप्ता

Abstract Inspirational

4.5  

सोनी गुप्ता

Abstract Inspirational

भारत महोत्सव

भारत महोत्सव

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महोत्सव जब-जब आता है त्योहारों का, 

उत्सव मनाते मिलकर सभी खुशियों का, 


बसी होती है, इनमें हम सभी की आस्था, 

सबको खुशियों का मिलता यहीं से रास्ता, 


कहीं उत्सव होता, फसल की कटाई का, 

कहीं होता है दीपों का, तो कहीं रंगों का, 


भारत के त्योहारों में, दिखती विशेषता है, 

भेदभाव भुलाकर दिखती यहाँ समानता है, 


चाहे उत्सव हो अपने राष्ट्र का या आस्था का, 

हर उत्सव में यहाँ दिखता प्रकाश एकता का, 


चाहे आप महोत्सव कहो,या उत्सव इसको, 

सब मनाते इसे प्रेम भावना से देखो जिसको, 


जीवन के हर रंग सज जाते हैं, इन उत्सव में, 

सूखी डालियों में भी फूल खिलते महोत्सव में, 


होली का फाग और अबीर का गुलाल उड़ता है, 

भारत के महोत्सव में इंद्रधनुष रंग बिखरता हैI



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