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Anupama Chauhan

Drama Fantasy Inspirational

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Anupama Chauhan

Drama Fantasy Inspirational

सुकून की नींद

सुकून की नींद

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हर कोई तुम्हें चाहता है,

पर गजब बात तो तब हो जाती है।

जब महँगे पलंंग में लेटे तो हैं,

और नींद ही कहीं खो जाती है।


कोई दिन भर मेहनत कर,

सुकून की नींद को अपना बना लेता है।

अरे! भई नींद तो वही है न,

जो सारी थकान चुटकी में भगा देता है।


कोई गोलियां खाता है क्यों.?

एक सिर्फ तुम्हें पाने की खातिर ही।

लेकिन तुम्हें चुरा ले जाये,

कोई मेहनती, ईमानदार,शातिर ही।


तुम भारी हो नोटों की गड्डी से,

अब तुम्हारी तो बात ही निराली है।

तुम नसीब में हो तो जन्नत,

वरना ये रात बस काली ही काली है।


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