भाई-बहन और आईपीएल
भाई-बहन और आईपीएल
लगाव रहता है क्रिकेट से लोगों को,
लेकिन मेरे भाईयों की ये एक आदत सी है।
ना होंगे कभी पूजा-पाठ में शामिल,
लेकिन आईपीएल तो मानो इबादत सी है।
बस रिमोट पकड़ना
नहीं नही...उसे कब्ज़ा जमाना कहते हैं।
उनका यूँ भागना,पापा के आने पर,
क्योंकि ये लोग बस उन्हीं से ही तो डरते हैं।।
कौन सी टीम प्लेऑफ़ खेलेगी,
मानों सारा लेखा जोखा इन्हें ही मिल जाता है।
अपनी पसंदीदा टीम के जीतने पर,
इन लोगों का चेहरा फूल सा खिल जाता है।।
कोई शिकायत नहीं है मुझे मेरे भ्रातों से,
लेकिन खिंचाई न करो तो अधूरा सा लगता है।
होती है नोक-झोंक बेमतलब की भाई बहन में,
तभी तो एक घर, एक परिवार पूरा सा लगता है।।