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Anupama Chauhan

Abstract Inspirational

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Anupama Chauhan

Abstract Inspirational

उसे भी दर्द होता है।

उसे भी दर्द होता है।

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उसके भी सीने में एक दिल है,

जिसे देखकर लगता उसे दर्द नहीं होता है।

जनाब वो भी इन्सान है शायद,

वो खुलेआम तो नहींं; कभी अकेले में रोता है।


हाँ ये सच है, उसे भी दर्द होता है।

उनके मुस्कुराते होठों को देखना कभी,

कुछ अन्दर ही छिपा लेने का हुनर होता है।

तुम लड़के हो बोलकर चुप कराती है माँ,


लेकिन कभी वो गीले तकिये के साथ सोता है।

हाँ ये सच है, उसे भी दर्द होता है।

जिम्मेदारियों का बोझ उस पर है,

अपने सपनों को आंखों में छिपाकर सोता है।

सबको खुश रखने की कोशिश में,


कई दफा बिना शिकायत किये बहुत कुछ खोता है।

हाँ ये सच है, उसे भी दर्द होता है।


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