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सुख-दुःख

सुख-दुःख

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सुख दुख आते बारी बारी,

यह तो जीवन के है साथी।

किसके जीवन में इस जग में,

सुख रहा सदा बनकर साथी।


दुख की घड़ियां कुछ पल की है,

कभी-कभी ही है आती।

मत विचलित कर अपने मन को,

यह घड़ी सदा नहीं टिक पाती।


दुःख की घड़ियों में सुखी पलों की,

याद हमें जब है आती।

वह दुःख दूना हो जाता है,

तब राह कोई नहीं दिख पाती।


जो है उसका गुणगान करो,

क्यों याद रखे हो जो बीती।

तुम सुख ही सुख पा जाओगे,

यह बन जाए जीवन साथी।।


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