STORYMIRROR

सुबह सवेरे

सुबह सवेरे

1 min
14.1K


चाँद से कह दो चाँदनी ना बिखेरे,

हम चाहते हैं किसी को इतना, ऐ चाँद,

कि चाँदनी फीकी लगती है, सुबह सवेरे।

 

सर्द हवाओं से कह दो सर्दी ना बिखेरे,

हमारे पास है सूरज की तपिश ए हवाओं,

की सर्द हवा भी गर्म लगती है, सुबह सवेरे।

 

तनहा दिल को कह दो धड़कन आह ना बिखेरे,

मेरा जिया बड़ी ज़ोर से धड़कता है सीने में,

कि आन्हों को जीने नहीं देता मन, सुबह सवेरे।    


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama