STORYMIRROR

Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Classics Inspirational

4  

Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Classics Inspirational

सतर्क सावधान

सतर्क सावधान

1 min
382

जीवन में जो हैं रहते सतर्क सावधान,

होते सफल जग में उठाते नहीं नुकसान।


बड़े ध्यान से अवलोकन करते रहें जग का,

बड़ा विचित्र भटकाव भरा मार्ग है जग का।

दोहरे चरित्र रखता है अक्सर यहां इंसान,

जीवन में जो हैं रहते सतर्क सावधान,

होते सफल जग में उठाते नहीं नुकसान।


विश्वास बिना जगत में चलेगा न कोई काम,

बिन ध्यान के विश्वास का संभव बुरा परिणाम।

विश्वास कीजिए सदा ही रहते हुए सावधान,

जीवन में जो हैं रहते सतर्क सावधान,

होते सफल जग में उठाते नहीं नुकसान।


नैतिक नियम पालन करें यह सीख दें सबको,

ईमानदारी का भाव सबमें जाग्रत करना है हमको।

सब ही भरोसेमंद बनें प्रभु दीजिए वरदान,

जीवन में जो हैं रहते सतर्क सावधान,

होते सफल जग में उठाते नहीं नुकसान।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract