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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

Tragedy

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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

Tragedy

सताता है कोरोना

सताता है कोरोना

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बहुत सताता है कोरोना

चहुं और पड़ा है रोना

बहुत सताता है कोरोना

बहुत सताता है कोरोना।


बंद पड़े हैं फैक्ट्री उद्योग

दुखी हो चले सारे लोग

नहीं मिले बढिय़ा खाना


घर से बाहर नहीं जाना

भूल गए है नहाना धोना

बहुत सताता है कोरोना।


लोगों की गई कई जान

भूले हैं जन अपनी शान

गरीब हो या हो धनवान


सभी बचाते अपनी जान

अब बस घर में हो सोना

बहुत सताता है कोरोना।


स्कूल, कालेज सभी बंद

जीवों की पड़ी गति मंद

कोरोना की धाक बुलंद


मन में छिड़ा हुआ है द्वंद्व

बुरा रोग है नहीं खिलौना

बहुत सताता है कोरोना।


मास्क लगी हर मुंह पर

बच्चे बूढ़े छुपे सभी घर

बस सबको लगता है डर

बोल रहे मिलकर हर हर


दुश्मन लगता है बिछौना

बहुत सताता है कोरोना

बहुत सताता है कोरोना।


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