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सपने गुलमोहर ----------

सपने गुलमोहर ----------

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अँजुरी भर सपने,

सपने हैं अपने,

अपनों के सपने,

चले नापने,


नभ, नक्षत्र,

धरती, आकाश,

मौन अम्बर,

धरा,


सत्य, साहस से सजी

सपनों से

रंगी रंगी

बंद अँजुरी,


बंद आँखे,

उड़ा दिए सपने,

उन्नत आकाश में,

रंग ही रंग,


भीतर से बाहर तक,

उग गए थे,

हजारों गुलमोहर,


मेरे इर्दगिर्द,

बिखर गए थे,

फूल फूल,

बस चारो तरफ,

लाल गुलमोहर।।


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