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धूर धरा नाच उठी फैले हैं गेसू। धूर धरा नाच उठी फैले हैं गेसू।
बासन्ती वैजंती की खुशबू और फिर सब कुछ। बासन्ती वैजंती की खुशबू और फिर सब कुछ।
सुनो, सपनीली आँखें रक्ताभ अब भरी भरी है। रोती हूँ खमोश। सुनो, सपनीली आँखें रक्ताभ अब भरी भरी है। रोती हूँ खमोश।
मेरे कतरे-कतरे से वाकिफ हो तुम जानती हूँ मेरे कतरे-कतरे से वाकिफ हो तुम जानती हूँ
अपने ही निर्धारित ब्लैक होल में। प्रेम जस का तस निरपेक्ष खड़ा जोहता है बाट। अपने ही निर्धारित ब्लैक होल में। प्रेम जस का तस निरपेक्ष खड़ा जोह...
देखते रहना किसी पर्वत के उतंग शिखर से किंकर्तव्यविमूढ़। देखते रहना किसी पर्वत के उतंग शिखर से किंकर्तव्यविमूढ़।
पहाड़ी नदियों पर बिना सोच- विचार किये बाँध बनाना पर्यावरण के लिए हानिकारक साबित होता है। पहाड़ी नदियों पर बिना सोच- विचार किये बाँध बनाना पर्यावरण के लिए हानिकारक साबित ह...
ओह, ऐसा बेखटके आया ठिठका, मुस्काया। ओह, ऐसा बेखटके आया ठिठका, मुस्काया।
एक काला चीटा पकड़ बिठा देते अपना चौकन्ना नाविक एक काला चीटा पकड़ बिठा देते अपना चौकन्ना नाविक
धड़ गर्दन से तब अलग हुआ जिस जिस मंज़िल पर आँख गईं तभी हुई वह धूल मयी। धड़ गर्दन से तब अलग हुआ जिस जिस मंज़िल पर आँख गईं तभी हुई वह धूल मयी।