STORYMIRROR

Vikrant Kumar

Romance

2  

Vikrant Kumar

Romance

सोना माई लव

सोना माई लव

1 min
344

अंबर में पंछी की कतार सी तुम।

समंदर में उठती लहरों की अंबार सी तुम।


उष्ण में शीतल बौछार सी तुम।

रेगिस्तान में ठंडी बयार सी तुम।


ऋतुराज बसन्त बाहर सी तुम।

तम में आशा की उजार सी तुम।


जीवन पथ पे मिले बिन मांगी मुराद सी तुम।

दुनिया के लिए सिर्फ एक नाम,

मेरे लिए सौगात परवर दिगार की तुम।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance