सोना माई लव
सोना माई लव
अंबर में पंछी की कतार सी तुम।
समंदर में उठती लहरों की अंबार सी तुम।
उष्ण में शीतल बौछार सी तुम।
रेगिस्तान में ठंडी बयार सी तुम।
ऋतुराज बसन्त बाहर सी तुम।
तम में आशा की उजार सी तुम।
जीवन पथ पे मिले बिन मांगी मुराद सी तुम।
दुनिया के लिए सिर्फ एक नाम,
मेरे लिए सौगात परवर दिगार की तुम।