संस्कार
संस्कार
संस्कार से मान है, बनते लोग महान।
बड़े_बड़े कर कार्य को, सबको देते ज्ञान।।
संस्कार सुरभित रहे, मिलता उत्तम स्थान।
शोभा बढ़ती आपका,रखते सभी संज्ञान।।
संस्कार से मनुज का, बनता है पहचान।
संस्कार हो कर्म से, बनें भले इन्सान।।
संस्कार पावन रखें, मानवता से प्यार।
प्रेम दीप को पास रख,दुनिया कर उजियार।।
संस्कार से धन बढ़े, सुख की हो बरसात।
रौनक जीवन में रहे, रहे सुहाना रात।।
संस्कार सुन्दर रखें, तभी बनेंगें खास।
समाज दर्पण बन चलें,करते रहें विकास।।
संस्कार की जोत से, होते हैं मशहूर।
ज्यों चमकते रत्न से, होते मत मजबूर।।
संस्कार ही साज है, जीवन में हो हर्ष।
खुशियां ही खुशियां मिले,करते हैं उत्कर्ष।।
संस्कार ही मूल है,मिले नित्य आशीष।
सपने सारे तब खिले,बनते संत मनीष।।
संस्कार का ध्यान रख, मंजिल की है दौड़।
दौड़ लगा कर भागना,मिले लक्ष्य बेजोड़।।