संगीत
संगीत
बज रहा है ब्रह्मांड में,
एक सुंदर सा संगीत,
सिखा रहा है देखो,
बस हमे प्रेम के गीत,
तन मन मे जो रस घोल दे,,
ऐसा प्यार गीत है,
खुद से खुद का नाता जोड़े,
वही मधुर संगीत है,
इस धुन में देखो,
बचपन झूमे,
वसुधा का कण कण झूमे रे,
प्रेम सुधा सम इस गीत में,
कण कण भी तो भीगे रे,
आज सुनना संगीत हमे,
खुद से ही जो मिलना है,
तन मन भिगो बस इस धुन,
बस बासंती होना है,
जागेंगे फिर भाव भी सारे,
बस प्रेममय ब्रमांड होगा,
कण कण की प्रेमधुन में,
बस मगन सबका मन होगा।।