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Ajita Singh

Drama

4  

Ajita Singh

Drama

सजा

सजा

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गर मैं लौट आया तेरे दर पर, तो सजा देना 

कुछ औपचारिक सा होकर, फिर दगा देना


है इम्तिहान मेरा तुझे भूलने का

रोज ख्वाबों में आके तुम जगा देना 


एक कसक सी लिए फिरता हूँ दिल में भरी कितनी

मैं तुमको फिर सुनाऊँ तो बता देना


गर मैं लौट आया तेरे दर पर तो सजा देना। 


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