Ajita Singh
Fantasy
दिल तुम्हें देखकर
अक्सर ये सोचता है
तुम मेरा भ्रम हो या
कोई कल्पना
मेरी अलसायी हुई सुबह या
जागती रातों का सपना
तुम क्यों मेरी कविता का केन्द्र बिंदु हो
सार हो... शीर्षक हो...
तुम क्यों हो ?
कौन हो ?
वो शाम.....
कांटे
मौन भाषा
सुकून
जैसे
सफ़र
कविता
प्यार
मौन
तुम
दोस्त हैं जीन के पास, किस्मत है उनकी बहुत खास, दोस्त हैं जीन के पास, किस्मत है उनकी बहुत खास,
आखिरकार दुनिया में आकर ये सबक ना लिया तो क्या किया आखिरकार दुनिया में आकर ये सबक ना लिया तो क्या किया
रानियां वीरों की बातें करती होंगी, अट्टालिका से पथ निहारा करती होंगी। रानियां वीरों की बातें करती होंगी, अट्टालिका से पथ निहारा करती होंगी।
क्या नज़ाकत थी छूने में उसकी हाथों पर जैसे मलाई जम गयी क्या नज़ाकत थी छूने में उसकी हाथों पर जैसे मलाई जम गयी
कहूँ क्या तेज है उसका, रहे रोशन चमन मेरा कहूँ क्या तेज है उसका, रहे रोशन चमन मेरा
हमारे रिश्ते के अंधेरे को उम्मीद के दीपक से उजागर करते हैं। हमारे रिश्ते के अंधेरे को उम्मीद के दीपक से उजागर करते हैं।
देख विरह की रोती बेचैनियाँ, हसरते कुंदन बन के गढ़ गई देख विरह की रोती बेचैनियाँ, हसरते कुंदन बन के गढ़ गई
पाँव था फ़िसल गया, पर खुशनसीब था बड़ा मेरा चाँद मुझको मिल गया। पाँव था फ़िसल गया, पर खुशनसीब था बड़ा मेरा चाँद मुझको मिल गया।
दादी नानी से कहानियां सुनते सब के मन को मोह लेते दादी नानी से कहानियां सुनते सब के मन को मोह लेते
आत्मा में पिरोये नीले धागों में तराशे हुये मोती जीवन के स्वर्णिम क्षणों के आत्मा में पिरोये नीले धागों में तराशे हुये मोती जीवन के स्वर्णिम क्षणों के
जल्दी आये मिलन की बेला करती है बस यही फ़रमाइश, तुम आओगे तभी खूबसूरत लगेगी ये बारिश। जल्दी आये मिलन की बेला करती है बस यही फ़रमाइश, तुम आओगे तभी खूबसूरत लगेगी ये ब...
भोर होने पर, वह फिर सूरज से डरकर, लौट जाने की जिद्द करेगा भोर होने पर, वह फिर सूरज से डरकर, लौट जाने की जिद्द करेगा
कभी माथे पे बिंदिया सा उसको मैं सजाती हूँ। कभी माथे पे बिंदिया सा उसको मैं सजाती हूँ।
मेरा होना जिसके लिए मायने रखता हो मेरा होना जिसके लिए मायने रखता हो
न जाने कितनी तस्वीरें मेरे दिल की, पर वो मुझसे नज़रें मिलाती ही नहीं न जाने कितनी तस्वीरें मेरे दिल की, पर वो मुझसे नज़रें मिलाती ही नहीं
भी दे जाएंगे बेसहारा नन्हें परिंंदे को आकाश खुला दिखाएंगे। भी दे जाएंगे बेसहारा नन्हें परिंंदे को आकाश खुला दिखाएंगे।
मेरा दिल करता हर बार ख़ुदा' को सलाम है, सलाम है। मेरा दिल करता हर बार ख़ुदा' को सलाम है, सलाम है।
अपने वात्सल्य के पालने में झूला देता है। कोई तो है---? अपने वात्सल्य के पालने में झूला देता है। कोई तो है---?
मर-मिटे थे जिस पर हम कभी, वो रानाई किधर गई मर-मिटे थे जिस पर हम कभी, वो रानाई किधर गई
कभी झालर सी लटकती हूँ गलियों और चौबरों पर , कभी झालर सी लटकती हूँ गलियों और चौबरों पर ,