तुम
तुम
शरीर में बहते हुए रक्त प्रवाह से तुम
उमङते घुमङते विचारणीय रवा से तुम
हृदय स्पंदन गतिकीय कला से तुम
पूछो ना मेरे लिए किस तरह से तुम।
शरीर में बहते हुए रक्त प्रवाह से तुम
उमङते घुमङते विचारणीय रवा से तुम
हृदय स्पंदन गतिकीय कला से तुम
पूछो ना मेरे लिए किस तरह से तुम।