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Sandeep Kumar

Drama

3  

Sandeep Kumar

Drama

सिंदूर पहनो मेरे नाम की

सिंदूर पहनो मेरे नाम की

1 min
304


आते जाते धुन गुनगुनाते

नजरे उधर अडाऊंगा

तुम आओ या ना आओ

मैं इधर को जाऊंगा। 


कसम तुम्हारी तुम्हारा रहूंगा

दोस्त यार मित्र सब छोड़कर

प्यार किया हूं प्यार करूंगा

सारा बंधन नाता तोड़कर।


है हुकूमत दिल पर तुम्हारी

दिल बसा है दिल गाना को

छोड़ आऊ चांद सितारा

सिंदूर पहनो मेरे नाम को।


हर मुरादे कदम पड़ेगी

जो कहोगे दिल जान को

भोरे कमल खिल जाएगी

गुनगुन मीठी मीठी तान से।


अब हवाएं रुख बदल दो

खुली दुकानें चंपा धाम की

मौला पंडित फिर मिलेंगे

नाम कहेंगे हमारे जान के।


संदीप स्वास लूटएगा

बस तेरी मुस्कान को

तुम हीर बनो मैं राजा बनूंगा

स्वर्ग धरा प्रधान को।


है हुकूमत दिल पर तुम्हारी

दिल बसा है दिल गाना को

छोड़ आऊँ चांद सितारा

सिंदूर पहनो मेरे नाम को।


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