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Rajkumar Jain rajan

Tragedy

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Rajkumar Jain rajan

Tragedy

सीता की अग्नि परीक्षा

सीता की अग्नि परीक्षा

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सीता की अग्नि परीक्षा ने

मनुष्य के अभिमान

और कायरता की 

इस तरह धज्जियाँ उड़ाई

कि इतिहास आज तक

इस घटना को माफ 

नहीं कर पाया


एक पुरुष वह रावण था

जिसने मर्यादा 

कभी खोई नहीं

धरती की बेटी थी सीता


स्वयम्बर में चुना

उसने मर्यादा पुरूषोत्तम राम को

और निभाई थी उसने

पतिव्रता स्त्री की

सभी मर्यादाएं भी

जीवन भर


जानते थे राम

कि सीता पवित्र थी

फिर भी


एक अनजान व्यक्ति के 

फैलाये भ्रम और कटु बोल पर

राम ने मजबूर कर दिया सीता को

अग्नि परीक्षा के लिए


यह कौनसा न्याय किया

मर्यादा पुरुषोत्तम राम तुमने

सीता को एक स्त्री होने का

यह अभिशाप

क्यों भोगना पड़ा


इसी से प्रेरित 

समाज

परम्परा के नाम पर

 आज तक

सीता की ले रहा

अग्नि परीक्षा


इतिहास 

कभी माफ नहीं करेगा

कि

नारी को फिर- फिर

देनी पड़ रही अग्नि परीक्षा

अपने स्वाभिमान में

क्यों नही देता

अग्नि परीक्षा पुरुष

नारी के सम्मान के लिए !


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