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Lakshman Jha

Action Tragedy

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Lakshman Jha

Action Tragedy

सीख लो बांग्ला देश से

सीख लो बांग्ला देश से

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छोटा देश निकाल चुका हमसे आगे

आज चिल्ला -चिल्ला के कह रहा है !

'हिन्दू देश न छोड़ें यह देश तुम्हारा है

धरती में तुम पले, वतन तुम्हारा है !


हमने अपने प्रयासों से मानचित्र ही

बदलकर एक नया देश बना डाला !

अपनी ही तूलिकाओं के हुनरों से

धर्म निरपेक्षिता का चित्र बना डाला !


पर भारत को अब क्या हो गया है ?

कहाँ से ऐसी सोच जहन में आयी ?

लोगों को तिरष्कार करें ये क्षण-क्षण

आलोचना तो कभी इनको नहीं भायी !


अपनी विभूतियों, अपने भाइयों को

कह रहें हैं, "निकल जाओ इस वतन से !

शरणार्थी के रूप धारण करके तुम भी

चले जाओ कहीं और अपने जतन से !


देश के मिट्टी में जन्मे हम बढ़े फूले फले

तुम कहो क्या न्याय हम इसको यूँ कहें ?


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