सिगरेट का धुआं
सिगरेट का धुआं
ऐ मेरे सेहत के ख़ैर चाहने वाले
ये जो सिगरेट का धुआँ है
वो मैं जिंदगी के लम्हो को
जला कर उड़ा रहा हूँ ,
पर मैं अब जिंदगी की बचत
के लिए फ़िक्र मंद नहीं हूँ
क्योंकि मेरा आज मेरे कल के
ख्वाबो से इत्तेफाक नहीं रखता
इसलिए ख्वाबो की धोखाधड़ी से
बचने के लिए खुद जिंदगी
को कश में उड़ा रहा हूँ।
तुम कहते हो की
सिगरेट क्यों पीते हो
सिगरेट पिने से होठ काले होते हैं ,
पर ये काले होठ मुझे उन
सुर्ख लाल होठ वालो से से अलग रखते हैं
जिनके दिल काले होते हैं।
तुम कहते हो की
सिगरेट क्यों पीते हो
सिगरेट पीने से बू आती है,
पर ये बू मुझे ख़ुद के
होने का एहसास दिलाती है।
