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Rajendra Singh Parmar

Abstract Inspirational Others

4.0  

Rajendra Singh Parmar

Abstract Inspirational Others

इंतज़ार में !

इंतज़ार में !

1 min
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कतरा कतरा गुजर जाती है ये छोटी सी जिंदगी,

और हम गुजर जाते है लहरो के इंतज़ार में।


भँवर में फंसा वो मांझी तूफान क्या पार करता,

जो डूब गया जहाजी पतवार के इंतज़ार में।


हनुमान भी संकट मोचन तब कहलाये,

जब श्री राम बैठे थे संजीविनी के इंतज़ार में।


आंख में आंसू इश्क़ की जुबान नहीं होती,

बस एक जंग लड़ रहा हूँ जिंदगी के इंतज़ार में।.


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