इस बार का रक्षाबंधन
इस बार का रक्षाबंधन
जीवन के बाल्य छोर से
जब नहीं था को भास
तब से मुझ को था
ये त्यौहार बहुत खास
इन नन्हे हाथो को
जब नहीं था इस धागे का मोल
तब मुझ को लगता था
ये स्नेह बंधन अनमोल
यधपि भाई बहन का प्रेम
एक है पावन अनुभूति
परन्तु राखी करती है
इस भावना की अभिव्यक्ति
हर वर्ष मैं तुम्हे
बांधती हूँ ये अनुराग
भैया इस बार मिल नहीं पाया
मुझे को ये सौभाग्य
ईश्वर से कामना करती हूँ
जीवन में आपके रहे हमेशा
हर्ष वैभव का संधि बंधन
मेरे इस प्यार को अपनी कलाई
पर बांध कर मनाना रक्षाबंधन।