एक कवि मैं अनपढ़ जैसा , लिखता हूं कुछ गड़बड़ जैसा।
मेरी साँसों में आज भी तेरी भीनी खुशबु कैद है! मेरी साँसों में आज भी तेरी भीनी खुशबु कैद है!
मेरे इस प्यार को अपनी कलाई पर बांध कर मनाना रक्षाबंधन। मेरे इस प्यार को अपनी कलाई पर बांध कर मनाना रक्षाबंधन।
पर ये बू मुझे ख़ुद के होने का एहसास दिलाती हैं। पर ये बू मुझे ख़ुद के होने का एहसास दिलाती हैं।
किंतु उस उलझन का परामर्श आज तक नहीं पाया किंतु उस उलझन का परामर्श आज तक नहीं पाया
बस एक जंग लड़ रहा हूँ जिंदगी के इंतज़ार में। बस एक जंग लड़ रहा हूँ जिंदगी के इंतज़ार में।
लिफाफे वाली राखी हर बार कहती है खुशियों के त्यौहार घरों से हैं और वही मिलेंगे। लिफाफे वाली राखी हर बार कहती है खुशियों के त्यौहार घरों से हैं और वही...
ये वीकेंड भी यूं ही गुजर गया.. ये वीकेंड भी यूं ही गुजर गया..
यारों ढूंढो उसे..मेरी "शाम" कहीं खो गयी है। यारों ढूंढो उसे..मेरी "शाम" कहीं खो गयी है।
यह मैंने एक आजाद नज्म लिखने का प्रयत्न किया मैं आशा करता आप लोगो को मेरी कोशिश पसंद आएगी यह मैंने एक आजाद नज्म लिखने का प्रयत्न किया मैं आशा करता आप लोगो को मेरी कोशिश...