श्रम का महत्व
श्रम का महत्व
01मई महाराष्ट्र राज्य निर्माण दिवस
मनाया जाता महाराष्ट्र में " श्रम दिवस"
अनन्य साधारण महत्व श्रम का जीवन में
बिना श्रम जीवन बीतता घनी निराशा में।
श्रम से ही साध्य हर काम होता।
जन्म से ही श्रम जीवन से जुड़ जाता
नवजात शिशु का हर कार्य कलाप श्रम
करवाता
बढ़ती क्रियाएँ ज्यों ज्यों श्रम बढ़ता जाता।
मेहनत दर्शाती, परिणाम क्या और कैसा होगा
बार बार रगड़ने से पत्थर भी घिस जाता
" प्रयत्ने बालूतून तेल निघे" मेहनत से
सार्थक होता।
ज्यों 'मांझी' ने दृढ़ निश्चय से, चिर दिया
पहाड़ों को
असंभव नहीं जीवन में कुछ भी
ठान लो गर मन से।
जज्बा मेहनत का हो दिल में
परिणाम मीठा ही होता।
पसीने से लथपथ बीती जवानी जिसकी
तपा श्रम की भट्टी में जो, होती स्वर्णिम
कहानी उसकी।
मेहनत करे इंसान तो मुश्किल क्या काम
चले श्रम की राह जो, चमकता उसका नाम।