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Goldi Mishra

Drama Romance

4  

Goldi Mishra

Drama Romance

शराब

शराब

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 वो दर्द भुलाने निकले,

सारी मधुशाला पी आए,

चैन उन्हें आया नहीं,

रोग ऐसा की कोई पीर फकीर काम आया नहीं,

आज उस शराब में भी नशा नहीं,

रंग उनका दिया ऐसा की बरसात में भी धुला नही,

सब गवा आए कुछ बचा भी नहीं,

इश्क काफी गहरा था उनसे तभी कोई और भाया नही,

उसकी याद दिल से जाती नहीं,


कोई राह भी तो उस तक जाती नहीं,

लकिरों में वो मिला नहीं,

हाथो से उसकी छाप जाती नहीं,

आखों को कभी उसने पढ़ा नहीं,


ज़ुबान ने मेरी कभी कुछ कहा ही नहीं,

मेरे जज्बातों से वो अनजान नहीं,

बस अब उन्हें परवाह नहीं,

रास्ते माना अब एक नहीं,


पर चाह कर भी हम जुदा नहीं,

मेरे हिस्से सुकून आया नहीं,

उनके हक से कभी चैन गया नहीं,

किस हक से रूठे जब कोई रिश्ता ही नहीं,


कितना रोका वो ही नहीं,

शायद मेरा था ही नहीं।


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