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nutan sharma

Romance Inspirational

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nutan sharma

Romance Inspirational

शिव शक्ति

शिव शक्ति

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प्रेम की भाषा सहज।

सहज प्रेम की परिभाषा।

प्रेम हुआ जिनसे शुरू।

जिन्हें थी शंभू से

प्रेम की अभिलाषा।


प्रेम अडिग था उनका यूं।

शिव शंकर के चरणों में।

किया समर्पित खुद को यूं।

भोले की भक्ति और उदर में।


समझाया बहुत सती को।

उनके मात,पिता ने।

वो पहने जो सर्पों की माला।

वो क्या जाने रिश्तेदारी।


सती का निश्चय दृढ़ था।

महेश्वर की बनूंगी दासी।

चाहे कोई कुछ भी कर लो।

मैं तो अपने नागेश्वर की

जन्मों से हूं दासी।


करने लगीं वो कठिन तपस्या।

भोले का वर पाने को।

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भोले तो भोले हैं।

प्रभु आ गए अपना

कर्तव्य निभाने को।


दर्शन दिए प्रभु ने जब।

सती भी सुध बुध खो बैठी।

कहा प्रभु ने बोलो सती।

क्या वर तुम मुझसे चाहती हो।


बोलीं सती प्रभु ये अखियां।

आपके दर्शन की प्यासी थी।

बस मुझको ये वर दो शंकर।

वर में आपको ही चाहती थी।


वचन किया स्वीकार प्रभु ने।

बोले इच्छा पूरी होगी।

महाशिवरात्रि के दिन।

शिव शक्ति की शादी होगी।


युगों युगों से शक्ति शिव की।

शिव शक्ति के साथ में दर्शन।

पावन शिवशक्ति के दर्शन से।

सबकी इच्छा पूरी होगी।


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