अगर तुम राम होते
अगर तुम राम होते
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अगर तुम राम होते तो।
सीता मैं भी बन जाती।
मर्यादा में रहते तो।
मैं मन की बात बतलाती।
ये मेरा बिंदु सा जीवन।
तुम्हें ही सौंप डाला सब।
अगर तुम साथ देते तो।
बुलंदियों को छू जाती।
ये मेरे हाथ की रेखाएं।
कुछ आधी,अधूरी सी।
हाथों में हाथ देते तो।
शायद किस्मत बदल जाती।
मेरे जीवन में आए जब।
सब माना तुम्हें अपना।
तुम भी अपना बनाते तो।
अपना सब हार जाती।।