सवैया छंद
सवैया छंद
राधा ने पूछो जो प्रश्न कन्हैया से,
प्रभु काहे कू मैं तुमने बिसराई।
सतयुग से द्वापर तक मेरे ही हिस्से में
काहे कू आई ये जुदाई।
अबके जन्म जदि दीजो कन्हैया जू,
दीज्यों सगरी कसमें, निभाई।
नाही तो प्रभु मत लइयों संग में मोहे,
मोसे अबकी सहयो नाय जाई।